रक्षा बंधन की कहानी

रक्षा बंधन की कहानी:

रक्षा बंधन का पर्व हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के प्यार और समर्पण की अद्वितीय कहानी को सुनाता है। यह कथा महाभारत के किस्सों में से एक है, जो श्रीकृष्ण और द्रौपदी के बीच घटी थी।

कृष्ण और द्रौपदी की अद्वितीय मित्रता का प्रसंग है यह कथा। एक बार, द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण के पास गए और उनसे अपने भाई के रूप में बंधन करने की विनती की। कृष्ण ने उनकी इच्छा को माना और उनके हाथ में एक छोटे से धागे का बंधन किया। द्रौपदी ने इसे अपने भाई के रूप में उनके हाथ में बांध दिया। इस छोटे से बंधन ने उनकी अनूठी मित्रता को और भी मजबूत बनाया।

रक्षा बंधन के पर्व के दिन, बहनें अपने भाई के लिए विशेष बंधन बनाती हैं और उन्हें धागे से बांधती हैं। इसके साथ ही, वे अपने भाई के लिए उनकी सुरक्षा और खुशियों की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहन के प्रति प्यार और समर्पण का प्रतीक देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस पर्व के माध्यम से, भाई-बहन के प्यार और समर्पण का संदेश समाज में फैलता है और यह उनके रिश्ते की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है।

Rakshabandhan 2023: कब है रक्षाबंधन? 30 और 31 अगस्त ?

इस बार (2023) भद्रा के कारण 30 और 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने को लेकर मतभेद है। रक्षा बंधन का त्यौहार हर साल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस बार किस दिन मनाया जाएगा राखी का त्योहार।

राखी का यह त्योहार सावन के महीने में मनाया जाता है, या यूं कहें कि सावन महीने के आखिरी दिन इस त्योहार को मनाया जाता है।

इस साल कब है राखी?

भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का होना बहुत जरूरी है। मान्यताओं के मुताबिक, यदि श्रावण पूर्णिमा पर भद्रा का साया हो, तो भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जा सकती। हिन्दू संस्कृति में यह अशुभ माना जाता है। इसके पूरे होने के बाद ही राखी बांधनी चाहिए। भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इस संबंध में पंडित शशि शेखर मिश्रा ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से शुरू हो रही है। लेकिन इस बार 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा और इस दिन राखी बांधने का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। ऐसे में इस साल 31 अगस्त को राखी मनाया जा रहा है।

इस मुहूर्त में बांधें अपने भाइयों को राखी

ऐसे में आप अपने भाइयों को इस बार 31 अगस्त को राखी बांध सकते हैं। लेकिन राखी बांधने के लिए आपको मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना होगा। पंडित शशि शेखर के मुताबिक 31 अगस्त को राखी बांधने का शुभ समय सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक ही है। इस तरह इस बार आपको भाइयों को सुबह-सुबह राखी बांधनी होगी।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10.58 बजे से शुरू हो रही है और यह 31 अगस्त को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी। लेकिन 30 अगस्त, यानी सुबह 10:58 बजे से पूर्णिमा तिथि के शुरू होने के साथ ही मृत्युलोक की भद्रा शुरू हो रही है, जो रात 9:15 बजे तक रहेगी। इसलिए राखी का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को निकाला गया है।

क्यों मनाई जाती है राखी – एक अन्य कथा  ?

रक्षाबंधन के त्यौहार के सम्बन्ध में कई पौराणिक और ऐतिहासिक घटनाएं हैं। कहा जाता है कि देवराज इंद्र बार-बार राक्षसों से पराजित होते थे। जब भी देवता दानवों से पराजित होते थे, तो वे निराश हो जाते थे। इसके बाद इंद्राणी ने कठोर तपस्या की और अपनी तपस्या से एक रक्षा सूत्र तैयार किया। इंद्राणी ने यह रक्षासूत्र देवराज इंद्र की कलाई पर बांधा। इस शक्तिशाली रक्षासूत्र के प्रभाव से देवराज इंद्र राक्षसों को पराजित करने में सफल हुए। इसी समय से रक्षाबंधन का त्योहार शुरू हुआ।